किसकी श्रद्धा और समर्पण
सर्वश्रेष्ठ है ?
Whose devotion and dedication to the best?
आज
27 October 2019, Diwali के
पावन पर्व पर आप सब को मेरी तरफ से आप को व् आप के परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ ।
Happy Diwali!
मैं अपने blog के
Page - Motivational Story के लिए
एक
बहुत
ही
inspirational story लेके
आई
हूँ,
जो
कि
हमारे
पुराने
ved ग्रंथों
में
वर्णित
है
। ये आप
की
thinking को एक नया
direction तो देगी ही
साथ
में
आप
की
personality development में भी सहयोग
करेगी
।ये
story आप
के
children के लिए भी
बहुत
useful होगी ऐसी मैं
उम्मीद
करती
हूँ
।
So lets start the story-
एक
बार The
great sage वाजिश्रवा के शिष्यों धर्मद और विराध के बीच में विवाद छिड़ गया। दोनों अपने
अपने
को
अपने
guru वाजिश्रवा
के
लिए
सबसे
ज्यादा
समर्पित
और
श्रध्दावान
सिद्ध
करने
में
लगे
हुये
थे।
पर
किसी
result पर वे नही
पहुच
पा
रहें
थे
की
उनदोनो
में
कोन
सर्वश्रेष्ठ
श्रध्दावान
है
। तब
दोनों
ने
guru के
पास
चल
कर
अपनी
problem को रखने की
सोची,
और
दोनों
अपने
Guru Dev वाजिश्रवा
के सम्मुख पहुँच गये ।फिर
अपनी
problem को उनके सामने
रख,
निर्णय
देने
का
अनुग्रह
किया।
तब सबसे पहले
धर्मद
बोला
–“ देव
, मैने
अपने
आश्रम
जीवन
में
आपकी
कही
प्रत्येक
बात
को
निर्विवाद
माना
है
। कभी
भी
आप
के
कहे
शब्दों
के
लिए
उचित
–अनुचित
का
भी
ध्यान
नही
किया
, बस
उन
शब्दों
को
आप
के
मुख
से
निकला
ब्रह्म
ज्ञान
मान
स्वीकार्य
किया
। क्या
इससे
भी
बढ़
के
कोई
श्रद्धा
और
समर्पण
हो सकती है
।
धर्मद की बात
सुनकर
guru वाजिश्रवा
मुस्कुराये
, और
अब
विराध
को
अपनी
बात
कहने
को
कहा।
विराध ने guru आज्ञा
पा
कर
अपनी
बात
रखनी
शुरू
की
- विराध
बोला
–“ हे
भगवन!
मैं
ज्ञान
प्राप्ति
के
लिए
अति
आकांक्षा
रखता
हूँ
, अतएव
आप
पर
मेरी
श्रद्धा
भी
अगाध
है
, पर
मैं
साथ
में
यह
भी
परखना
आवश्यक
समझता
हूँ
की
जो
कुछ
भी
कहा
और
बताया
जा
रहा
है
वो
सत्य
तो
है,
कही
ऐसा
तो
नही
की
जो
बात
कही
और
बताई
जा
रही
हो
वो
सत्य
से
परे
हो
। मैं
सत्य
को
अधिक
मूल्यवान
मानता
हूँ
और
सत्य
की
ही
खोज
में
मैं
आप
की
शरण
में
आया
हूँ
और
सत्य
को
पाने
के
लिए
में
अपना
सर्वस्व
छोड़ने
के
लिए
हर
पल
तैयार
रहता
हूँ
।“
अब Guru Wajisrwa ने दोनों की बात सुनकर धर्मद और विराध से कहा –“ सत्य को परखकर धारण की जाने वाली श्रद्धा ही सर्वश्रेष्ठ
है
। अतः
विराध
की
श्रद्धा
और
समर्पण
ही
सही
मायने
में
उचित
है
।
अतः जो सत्य
को
परखते
हुवे
किसी
के
प्रति
समर्पित
है
वो
ही
सच्चा
श्रद्धवान
है
और
उसकी
श्रद्धा
ही
श्रेष्ठ
है।
और
वो
ही
एक
सच्चा
शिष्य
है
।
Happy Diwali..
Note: इस blog में use की गयी picture मेरी नही है। मैने इसको net द्वारा google से लिया है।
Nice post ma'am 🥳
जवाब देंहटाएंVery nice post
जवाब देंहटाएंVery nice blog about Inspirational quotes in English. Sharing for Quotes
जवाब देंहटाएंRead more English Quotes
very nice blog and article is very attractive internal link in Hindi.
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