किसकी कीमत- मेहनत या आराम कि?
honesty and hard work is a base of happy life |
एक बार कि बात है, एक गावं में बिरजू नाम का एक किसान रहता था, उसके पास दो बहुत मेहनती बैल थे, उनसे वो बहुत प्रेम करता था इसलिए वो उन्हें नाम से पुकारता था जो उसने स्वंय रखा था, एक बैल का नाम उसने नंदी aur
दुसरे का शिंगी रखा, वो rose उन्हें बड़े pyaar से
हरी –हरी दूब
grass और
चारा खिलाता था, एक बार दोनो बैल खेत जोत रहे थे अपने मालिक बिरजू के साथ, सभी बड़ी मेहनत से अपने-अपने work
में लगे थे, खेत के पास ही मटरू नाम का बकरा बैठा था, वो नंदी aur
शिंगी कि इतनी कड़ी मेहनत देख कर उनसे बोला-“ श्रीमान बैल जी! आपका जीवन भी कोई जीवन है, आपका मालिक आपसे कितनी बुरी तरह से काम लेता है,..मेरा मालिक तो मुझ से कोई काम नहीं लेता और साथ ही दिन में 4-5 बार खूब खिलाता है, मैं तो बड़े आराम कि life गुजार रहा हूँ, पर आप लोगों को तो बड़ा कष्ट है...” बकरे मटरू कि बात सुन कर शिंगी aur नंदी दोनो बैल आपस में एक-दुसरे को देख कर बस मुस्कुरा दिए और मटरू कि बात को सुनी-अनसुनी करते हुए अपने job मे लगे रहे,
what is valued..life's up or end? |
वही पे
नंदी
और
शिंगी
बैलो
के
मालिक
ने
बिरजू
ने
दोनो
कि
पीठ
थपथपाई
और
बड़े
pyaar से हरी-हरी
दूब
और
चारा
ला
के
खिलाया,
अब
दोनो
बैल
नंदी
और
शिंगी
बकरे
से
बोले-“
कुछ
समझ
में
आया...?
मेहनत
और
आराम-फरमान
के
बीच
का
अंतर...
अब
बताओ
कौन
ख़ुशी
के
दिन
गुजार
रहा
है
हम
या
तुम..!
अब मटरू
बकरे
को
पता
चला
कि
इस
संसार
में
केवल
श्रम
कि
value
है,
आराम
फरमाने
कि
नहीं.
life का सुख आराम
फरमाने
में
नहीं
अपनी
मेहनत
से
अपना
और
दूसरों
का
जीवन
सवारने
में
है.
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Isse ham sikhte h ki mehnat hi Samman, pyaar Ur Jeevan de Sakti h..
जवाब देंहटाएंNice