थोड़ा सा नमक
बहुत समय
पहले कि बात है, ईरान में एक बहुत ही famous king नौशेरवां हुए । नौशेरवां बहुत कि न्यायप्रिय बादशाह थे । और अपनी इसी न्याय प्रियता के लिए वो प्रसिद्ध थे ।
एक दिन नौशेरवां अपने कुछ साथियों के
साथ जंगल में शिकार खेलने के लिए गये । शिकार खलते -
खलते वो काफी दूर निकल गये । देर शाम एक गावं के बाहर उन्होंने डेरा डाला । और
अपने सेवकों को भोजन कि तैयारी करने को कहा।
सेवक भोजन कि तैयारी में लग गये । पर भोजन बना ने के लिए
सेवक के पास salt नहीं था इसलिए एक सेवक गावँ चला गया और वहां एक house के master
से थोड़ा नमक ले आया और food बनाने लगा ।
king नौशेरवां ने servant से पूँछा -“ नमक के दाम देकर आये हो ना ?”
सेवक ने कहा- इतने से salt का दाम क्या दिया जाये ?”
नौशेरवां
ने कहा –“ अब आगे से ऐसा काम कभी मत करना । उस नमक की
कीमत जो भी हो, तुरन्त जाओ और देकर आओ । तुम नहीं समझते कि अगर एक बादशाह किसी बाग़
से बिना दाम दिए एक फल भी ले ले , तो उसके कर्मचारी तो पूरा बाग ही उजाड़ का खा
जायेंगे ।” आदर्श स्वयं ही पेश किया जाता है, जाओ! तुरन्त जाओ और नमक के दाम दे कर
आओ ।
नौशेरवां
कि इसी ईमानदारी और न्याय प्रियता ने उसे एक आदर्श आचरण वाले king के रूप में
world के सामने स्थापित किया ।
friend’s, इस कहानी के king की ही तरह हमे भी जीवन में स्वयं लोगों
के लिए अपने आचरण के दवारा example बनना चाहिए । हम अपने आस – पास दूसरों से जैसा वातावरण
चाहते हैं वैसा ही हमे भी दूसरों के किये पहले स्वयं बनाना पड़ेगा । क्योंकि कहने
से कुछ नहीं होता उसे व्यवहार में लेन से दूसरों पर ज्यादा असर पड़ता है । इसलिए
कहिये मत कर के दिखाइए ।
Friend’s, आप को मेरी, “थोड़ा सा नमक” motivational story, Hindi में कैसी
लगी? क्या ये story सबकी life (personality) में
positivity ला सकने में कुछ सहयोगी हो सकेगी, if yes तो please
comments के द्वारा जरुर बताये ।
One Request: Did
you like this personal development base motivational story in Hindi? If yes, become a fan of this blog...please
Very true thought and inspiring story
जवाब देंहटाएं