सोने की कुल्हाड़ी
gold axes |
एक Village में एक लकडहारा रहता था । वह जंगल से लकड़ियों को काटकर बेचता था, और उससे
जो money प्राप्त होती थी, उसी से वह अपनी जीविका चलाता था ।
और एक संतुष्टित जीवन का भोग कर रहा था ।
एक दिन jungle में वह लकड़ियाँ काटने गया, वहां एक river बहती थी । वह
उस नदी किनारे लगे एक पेड़ से लकड़ियाँ काटने लगा, तभी लकड़ियाँ काटते हुए उसकी
कुल्हाड़ी नदी में गिर गयी । नदी का पानी गहरा था । लकडहारा यह सोच कर परेशान हो
उठा, कि इतने गहरे पानी से वह अपनी कुल्हाड़ी कैसे निकले? तभी वहां नदी से एक देवता
प्रकट हुए । उन्होंने लकडहारे से उसकी परेशानी का सबब पूछा तो लकडहारे ने कहा- “भगवन
! मेरे जीवन को चलाने वाली मेरी एक मात्र कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है और नदी का
water बहुत गहरा है, मैं उसे कैसे निकालूं ये सोच रहा हूँ ।“
तब God ने कहा तुम परेशान मत हो मैं तुम्हारी axe निकाल देता हूँ और
यह कह कर वो नदी के अंदर गये और एक कुल्हाड़ी निकाल लाये और लकडहारे को दे दी। वह कुल्हाड़ी चाँदी कि थी। silver की कुल्हाड़ी
देख कर लकडहारे ने God से कहा- “ प्रभु क्षमा
करे! यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है ।
देवता ने दुबारा नदी में प्रवेश किया और दूसरी कुल्हाड़ी निकाल कर
लकडहारे को दी यह सोने कि थी । लकडहारे ने Gold की कुल्हाड़ी देखते ही, देवता से कहा
– “क्षमा प्रभु ! पर ये कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है ।" और कुल्हाड़ी लेने से मन कर
दिया।
इस पर देवता पुनः नदी में गये और इस बार लोहे कि कुल्हाड़ी निकल कर लकडहारे
को दी। उस कुल्हाड़ी को देख कर लकडहारा खुश हो गया और देवता से बोला- “हाँ यही है
मेरी कुल्हाड़ी जो मेरी life चलाती है।"
तब देवता ने लकडहारे को सोने और चाँदी की वो दोनों कुल्हाड़ियाँ भी
देते हुए उससे कहाँ पुत्र में तुम्हारी ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हूँ तुम ये तीनों
कुल्हाड़ियाँ रखो और सुख से अपना जीवन यापन करो।"
लकडहारा कुल्हाड़ियों को ले कर गाँव वापस आ गया और अपने friend को सारी
बात बताई। लकडहारे कि सारी बाते सुन कर,
उसके friend के मन में लालच आ गया और वो भी अगले दिन नदी किनारे wood काटने पहुँच गया। और
लकड़ियाँ काटने लगा । उसने जान बूझ कर अपनी कुल्हाड़ी river में
गिरा दी ।
नदी के God प्रकट हए और silver की कुल्हाड़ी निकाल कर दी, उसे देख वो
बोला- नहीं ये मेरी नहीं है । तब देवता ने सोने कि कुल्हाड़ी निकाली और पूछा क्या
यह तुम्हारी है? Gold की कुल्हाड़ी देखते ही वह बोला - “यही मेरी कुल्हाड़ी है।”
देवता यह सुनते ही अदृश्य हो गये और एक आकाश वाणी हुई – “ रे मुर्ख!
असत्य वचन बोलकर तूने देव शक्तियों को कुपित किया है । अब तेरी लाहे की कुल्हाड़ी
भी जलमग्न ही रहेगी ।“ वह व्यक्ति अपना एक- मात्र जीवन यापन के साधन को गवां कर घर
लौटा ।
दोस्तों! ये सच है कि देवता देते है पर
उनकी कृपा और उनके अनुदान सत्पात्रों को ही मिलते हैं बाकी झूठे मक्कार लोग तो
केवल हाथ मलते रह जाते हैं। उन्हें कभी
कुछ नहीं मिलता।
Friend’s, आप को मेरी, “सोने की कुल्हाड़ी” motivational story, Hindi में कैसी लगी? क्या ये
story सबकी life (personalty) में positivity ला सकने में कुछ सहयोगी हो सकेगी,
if yes तो please
comments के द्वारा जरुर
बताये ।
One
Request: Did you like this personal
development base motivational story in
Hindi? If yes, become a fan of this blog...please
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गुड़ स्टोरी
जवाब देंहटाएंNice story
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