कबीर दास के दोहे उसके हिंदी भावार्थ के साथ
kabir Das ke dohe in Hindi |
Couplets of Kabir Das with his gist in Hindi
दोहा- माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।।
भावार्थ- कबीर जी कहते हैं की माला फेरते
फेरते लोगों की उम्र बीत जाती है । पर मन के भाव- विचार नहीं बदल पाते, उनके मन के
अंदर की चंचलता, उसके अंदर की उथल – पुथल शांत नहीं हो पाती । कबीर जी ऐसे
व्यक्तियों को सलाह देते हैं की हाथ की इस माला को फेरने छोड़ कर मन के मोतियों को
बदलो अर्थात् मन को शुद्ध व पवित्र बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
दोहा- कबीर गर्व न कीजिए, ऊंचा देखि आवास।
काल परौं भूईं लेटना, ऊपर जमसी घास।।
काल परौं भूईं लेटना, ऊपर जमसी घास।।
भावार्थ- कबीर जी कहते हैं, की अपना शानदार मकान और शानशौकत देख कर इतराइए मत,
अपने अंदर अभिमान मत पालो क्योंकि जब इस शरीर से आत्मा निकल जाती है तो यह शरीर
मिट्टी में मिल जाता है और उसपर घास उग आती है।अर्थात् मृत्यु आने के बाद आप की ये
धन –संपदा, अभिमान सब कुछ इसी संसार में छूट जाता है । कुछ भी साथ नहीं जाता है ।
दोहा- साधु ऐसा चाहिए,
जैसा सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।।
सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।।
भावार्थ-
कबीर जी कहते हैं इस संसार में ऐसे साधु (सज्जनों)
की जरूरत है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है. जो सार्थक चीजों को बचा लेता है और निरर्थक वस्तुओं को उड़ा देता है ।
दोहा- पर
नारी का राचना, ज्यूं लहसून की
खान।
कोने बैठे
खाइये, परगट होय निदान।।।
भावार्थ- संत
कबीरदास जी कहते हैं कि पराई स्त्री के साथ प्रेम प्रसंग करना लहसून खाने के समान होता
है। उसे चाहे कोने में बैठकर खाएं, पर उसकी सुंगध तो दूर- दूर तक प्रकट हो जाती है।
दोहा- बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।।
भावार्थ- जब मैं इस संसार
में बुराई और बुरे व्यक्ति को खोजने चला तो मुझे कोई भी बुरा व्यक्ति व बुराई नहीं
मिली । पर जब मैंने अपने अंदर मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे तो बुरा कोई और है ही नहीं।
दोहा- तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय।
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।।
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।।
भावार्थ- कबीर दास जी कहते हैं की एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा मत करो जो
तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है । क्योंकि यदि कभी वह
तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो बड़ी गहरी पीड़ा होती है।
Request- “जीवन
को बदलने की क्षमता रखने वाले कबीर जी द्वारा कहे गये सद- वाक्य, दोहे विभिन्न
पुस्तकों व internet से collect किये गये हैं । ये motivated and inspirational couplets ( thoughts and quotes ) का collection “Couplets
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और गर पसंद आये हो तो इनको share भी करें.. जिससे महापुरषों के जीवन-उपयोगी इन सुविचारों
कि खोज जारी रहे, और आप सब तक पहुँचती रहे।
अंत में आप सब readers
को मेरा धन्यवाद!
बहुत सुन्दर संग्रह।
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