अपना काम स्वयं करें
Do their own job by yourself |
Do their own job by yourself
very famous शिक्षाविद ईश्वर चन्द्र विद्या सागर के अस्तित्व से हम सभी
अच्छी तरह से परिचित हैं और जो आज कि युवा पीढ़ी इन्हें नहीं जानती उनके लिए ये
विशेष article है जो उनके विशेष अस्तित्व का परिचय हम युवाओं को कराती है साथ में
उनका जीवन हमे जीने कि नयी राह और प्रेरणा देता है ।
ईश्वर चन्द्र विद्या सागर का अस्तित्व love, त्याग,
परोपकार, न्यायप्रियता, क्षमा शीलता से परिपूर्ण था । उनके जीवन से जुड़े अनेकों
ऐसे किस्से – कहानियाँ है जो उनके इन गुणों से हमें अवगत कराती हैं ।
एक बार की बात है, ईश्वर चन्द्र विद्या सागर कलकत्ता के
रेलवे स्टेशन पर थे । तभी स्टेशन पर एक ट्रेन आ कर रुकी, उस में से एक नव युवक उतरा
। वह देखने में एक student लग रहा था । गाड़ी से उतरते ही वो कुली को पुकारने लगा –
कुली –कुली । जबकि उसके पास इतना ही सामान था कि वो उसे आसानी से अकेले ले कर चल
सकता था । फिर भी उसे कुली चाहिए था ।
तभी एक उस लड़के के पास एक सीधा – सादा व्यक्ति आता है । वो
उस लड़के से आकर पूछता है की कहाँ जाना है और ये पूछते हुए उस लड़के से सामान ले कर
उसे उठा लिया ।
लड़का एक student था और वो एक school में training के लिए
जा रहा था इसलिए उसने उस school का पता उस man को बता दिया । वो आदमी उसका सामान
ले कर उस school चल दिया जो कि वही पास में था । वो जल्दी ही school पहुँच गये ।
जब वो आदमी सामान रख कर चल दिया, तो लड़के ने उस आदमी को कुछ rupees इनाम में देने
चाहे ।
तब सामान उठाने वाले आदमी ने कहा –“ मुझे कोई इनाम नहीं
चाहिए । बस अपना काम स्वयं करने की कोशिश करें, यही मेरा इनाम है ।” इतना कहकर वह
आदमी वहां से चला गया ।
अगले दिन जब वह लड़का college पंहुचा, तो प्रार्थना स्थल (assembly)
पर उसने उसी आदमी को देखा, जो yesterday उसका सामान उठा के college लाया था । वह आदमी उस समय वहां principal के
उच्चासन पर विराजमान था। यह देख वह लड़का बड़ा शर्मिन्दा हुआ ।
prayer के बाद जब सब students अपनी – अपनी class में चले
गये तब उसने principal के चरणों में अपना
sir रख कर माफ़ी माँगी ।
तब उन principal ने जो की ईश्वर चन्द्र विद्या सागर थे, उस लड़के
से बोले –“ my son! जो किसी भी कार्य को छोटा नहीं समझते और अपना कार्य स्वयं करते
हैं, वो ही जीवन में उन्नति के शिखर पर चल सकते हैं ।” और ये उदाहरण ईश्वर चन्द्र
विद्या सागर ने स्वयं उस student का सामान उठा कर दिया और अपना काम स्वयं करने की
प्रेरणा दी ।
इतने साधु व्यवहार के और Sacrifice, benevolence, justice, forgiveness जैसे पवित्र गुणों को धारण करने वाले व्यक्ति थे ईश्वर चन्द्र विद्या
सागर । ऐसे लोग आज के time पर देखने तक को भी नहीं मिलते जो स्वयं के आचरण से किसी
को शिक्षित कर सके ।
Friend’s, आप को ये “Do their own job by yourself” motivational story, Hindi में कैसी लगी? क्या ये
story सबकी life (personality) में positivity ला सकने में कुछ सहयोगी हो सकेगी,
if yes तो please comments के द्वारा जरुर बताये ।
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अंत में आप सब readers
को मेरा धन्यवाद!
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