सूप या चलनी
एक
प्रसिद्ध सूफी संत थे । उनके बारे में एक Recognition यह
थी कि वो किसी भी व्यक्ति से जब मिलते थे तो मिलते ही वो एक बार में ही उसके
मनोभावों को भाँप लेते थे । और ये जान जाते थे, कि वो व्यक्ति किस
प्रकार का है ।
एक बार Sufi saint अपने शिष्यों के साथ बैठे ज्ञान चर्चा कर
रहे थे, तभी एक फकीर उनसे मिलने आये । उनसे मिलते ही उन्होंने कहा –“सूप आ
गया।”
उसके कुछ देर बाद राज्य का सबसे धनी व्यक्ति उनसे मिलने आया तो वे
बोले –“ ये चलनी है ।” उनके पास खड़े उनके
शिष्य ने saint के दोनों वक्तव्य सुने । saint के वक्तव्य सुन उसको बड़ा आश्चर्य हुआ
कि आज उनके guru ने दो व्यक्तियों के विषय में ऐसी अभद्र टिप्पणी क्यों दी?
उसने अपने मन कि जिज्ञासा को बड़े संकोच के साथ अपने guru के सामने
प्रकट किया, तो Sufi saint बोले –“ my son! इस world में दो तरह के लोग होते हैं,
एक वो जो सूप कि तरह बेकार कि वस्तुओं को त्याग कर सार युक्त तत्वों को ग्रहण करतें
हैं और दूसरे वो, जो चलनी की तरह काम की वस्तुओं को छोड़ कर बेकार की वस्तुओं को
स्वीकार करते हैं ।”
Sufi saint की बात शिष्य की समझ में आ गयी कि जीवन में झूठे व क्षणिक
सुख वैभव और धन का त्याग कर परमात्म तत्व को ग्रहण करने वाले को “सूप” और परमात्मा
से विमुख होकर सांसारिक भोग पदार्थों को ग्रहण करने वाले धनी व्यक्ति को क्यों
उनके guru ने “चलनी” कहा ।
friends, हर एक व्यक्ति के जीवन कि ये विशेषता होती है, कि उसके जीवन में एक गुण विशेष कर
होता है, जो उसे दो categories में बाटता है जिसे हम लोग simple way में सामान्य या
असमान्य कहते है aur अच्छा या बुरा बोलते है, जिसको हम प्रतिक रूप में सूप या चलनी
भी कह सकते हैं। हम सबकी life भी सूप या चलनी में से किसी एक विशेषता को सम्बोधित
करती होगी है। तो आप अपने life में क्या है सूप
या चलनी ??? और क्या बनाना चाहते हैं सूप या चलनी... ???
Friend’s, आप को मेरी “सूप या चलनी” motivational story,
Hindi में कैसी लगी? क्या ये story सबकी life
(personalty) में positivity ला सकने में कुछ सहयोगी हो सकेगी, if yes तो
please comments के द्वारा जरुर बताये A
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