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रविवार, 8 दिसंबर 2019

Not only dreams, effort is essential for success - Motivational story in Hindi

Not only dreams, effort is essential for success

सिर्फ सपने नही,  पुरुषार्थ आवश्यक-Not only dreams, effort is essential for success - Motivational story in Hindi


हमारी आज की motivational story का पात्र एक बहुत ही महान और प्रतिभावान व्यक्तिव है । परंतु ये प्रतिभा और सम्मान को प्राप्त करने के लिए इनको बहुत ही ज्यादा struggle करना पड़ा था । और ये हर एक life का कटु सत्य है कि बिना struggle के कोई भी वस्तु जीवन में चिर आयु नही रहती चाहे वो आप की प्रतिभा और आप का सम्मान ही क्यों ना हो ।

आज की motivational story में हम नेपोलियन के जीवन की उनकी गुमनामी से प्रसिद्धि तक की वेदनात्मक और भावनात्मक यात्रा का वर्णन करने जा रहें हैं ।

ये बात उस time की है जब नेपोलियन गुमनामी की वेदना से गुजर रहें थे । इस समय Napoleon को बड़ी ही mental pain का सामना करना पड़ रहा था । उसे न  तो friends की सहायता मिलती थी न अपने से बड़ों का प्रेम ।

उसी समय उसको कहीं से ये motivation मिला कि गर वह कलम (pen) को अपने जीवन में स्थान दे और साहित्य (Literature) की साधना (Practice) करे , जिससे उसको अभीष्ट सफलता ( required success) और प्रसिद्धि (fame) प्राप्त हो ।

ये विचार कर के Napoleon ने 17 year की age में कलम (pen) पकड़ ली । इस समय Neapolitan एक सैनिक school में पढ़ रहें थे । यहाँ इनको बहुत ही दुःख भरा जीवन जीना पड़ रहा था ।
अतः अपनी Ambitions को पूरा करने के लिए वो पूर्ण अध्यन (Study) साधना में डूब गए ।

अपनी इस study में उन्होंने रूसो की ' दि सोशल कांट्रेक्ट ' और एब्बे रेनाल की एक रचना , जिसमे सामाजिक समस्याओं का अध्यन था , पढ़ा । इसके साथ में उन्होंने दूसरी और भी पुस्तकें पढ़ी , और साथ में निश्चय किया कि वो भी देश की problems पर समाधानपरक कोई ग्रंथ (book) लिखूं । इसी विचार से Napoleon ने लिखना start  किया । लिखा -काटा , फिर लिखा, फिर काटा ; इसी प्रकार काफी समय और श्रम ( labor) लगाकर नेपोलियन ने ' कार्सिका का इतिहास (History of Karcica) नामक पुस्तक लिखी ।

किसी अच्छे लेखक से संसोधन करवाने के लिए नेपोलियन ने यह पुस्तक एब्बे रेनाल को भेजी । और रेनाल ने बिना ही इस book को पढ़े ही उसमे एक नोट ( notes ) लगाकर वापस भेज दिया कि दोबारा गहन खोज (search) कर के book फिर से लिखो ।

यह उत्तर पाकर नेपोलियन बड़ा झुझलाये , परन्तु फिर से वह दोबारा लिखने लगे । जब दोबारा मेहनत करने के बाद book तैयार हुयी तो नेपोलियन ने उसे पुनः रेनाल के पास भेजा । रेनाल से पुनः वही निराशाजनक उत्तर प्राप्त हुआ ।

अब  नेपोलियन ने इतिहास - लेखन का प्रयास ही छोड़ दिया और स्वतंत्र लेखन (free writing) करने लगे । इस प्रयास में नेपोलियन ने सर्वप्रथम प्रेम (love) पर एक शोध पूर्ण निबंध लिख कर विद्वान् लेखकों के पास भेजा तो यहाँ भी निराशा मिली ।

पर नेपोलियन निराश नही हुये और एक बार फिर कलम चलायी और इसबार उनकी कलम (pen ) आनंद ( happiness) विषय पर चली । अपर इस लेखन के लिए भी इनको डांट ही मिली ।

इन्हीं दिनों एथेन्स की विद्वान् परिषद् (council) ने एक निबंध प्रतियोगता ( essay competition) का आयोजन किया । और इस competition में नये लोगों को भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया था । इस निबंध प्रतियोगिता में डेढ़ हजार लिबरे ( libre) का price भी रखा गया । नेपोलियन ने इस प्रतियोगिता के लिए भी निबंध लिखा पर उनके निबंध को ये कह के वापस भेज दिया गया कि -" उनका निबंध इतना अव्यवस्थित है और इतनी बुरी तरह से लिखा गया है की इस पर ध्यान नही दिया जा सकता "

फिर आठ वर्षो तक लगातार कलम (pen ) घिसने के बाद भी जब नेपोलियन को अपना स्वप्न (dream) सच होता नहीं दिखा तो दूसरे क्षेत्र (area ) में अपनी किस्मत को आजमाने का फैसला लिया ।

अब नेपोलियन अपनी ambition को पूरा करने के लगा लिए नए मार्ग खोज रहे थे । अंततः ( finally) उसने रण क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य को आजमाने का निश्चय किया और सेना (army ) में भरती हो गया और एक साधारण सैनिक के रूप में अपनी महत्वकांक्षी जीवन की दुबारा  शुरुवात (starting) की । और अब यहाँ पे वो अपनी शक्ति , क्षमता (capability), प्रतिभा ( talent ) और मानसिक ( mental ) गुणों को निखारने लगे ।  यहाँ से वो बढ़ते -बढ़ते अपने औए अपने देश के ही नही दूसरे देशों के भाग्य विधाता (Fortune creator) बन गए । 

जब नेपोलियन ने कई प्रदेशों को जीत लिया तब एक दिन अपने साथियों से एक अवसर पे बोले कि - " मैं बार - बार असफल होकर भी एक ग्रंथकार ( book writer ) बनने का सपना देखता रहता तो शायद मैं एक अदना -सा लेखक बन जाता , पर शीघ्र ही मुझे अपने सवरूप का और उसकी क्षमता का आभास हुवा और मैं अब एक महान विश्वविजेता( global- winner) बन सका हूँ । "

conclusion of story-

इस story से हमें ये motivation मिलता है कि अपनी सही ability, capability को पहचानने और उनका सही दिशा ( direction) में विकास करने के लिए गहरी समझ को विकसित करना बहुत जरूरी है , किसी भी क्षेत्र में असफलता मिलने पे निराश नही होना चाहिए बल्कि अपना और अपनी  क्षमताओ का पुनः विश्लेषण करना चाहिए व दूसरे  क्षेत्रओ में प्रयास करना चाहिए। दूसरे क्षेत्रओ में प्रयास कर के आप अपनी सभी आकांक्षाओ को आप पूरा कर सकतें हैं और सम्मान के साथ सर उठा के जीवन जी सकतें हैं ।

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