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गुरुवार, 12 सितंबर 2013

param pujay shri ram sharma aacharya ji ke anmol vachan- in Hindi (परम पूज्य श्री राम शर्मा आचार्य जी के अनमोल वचन)


परम पूज्य श्री राम शर्मा आचार्य जी के अनमोल वचन 

A greater thinker

  • अंगारा कितना भी दहकता हो, लेकिन उसकी शोभा अँगीठी में ही है । जैसे ही उसे अँगीठी से निकला गया, वह ताप विहीन हो जायेगा । समवेत जीवन में ही शान है । हम जब सबसे अलग हो अपना कुछ करने कि बात सोचते हैं तो हम गड़बड़ा जाते हैं । हमारी हर उपलब्द्धि सामज का, समूह का एक अंग होने के नाते है; यह बात सदा हमें ध्यान में रखनी चाहिए ।

  • श्रेय और प्रेय दोनों दिशाएँ अक – दूसरे के प्रतिकूल जाति हैं, दोनों में से एक ही अपनाई जा सकती है , संसार प्रसन्न होगा तो आत्मा रूठेगी । आत्मा को संतुष्ट किया जायेगा तो संसार कि, निकटस्थों कि नाराजगी सहन करनी पड़ेगी। 

  • मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता आप है, जो इस तथ्य को समझते हैं, वे अपने चिंतन और प्रयास को अच्छे उद्देश्यों में नियोजित करते हैं । 

  • बुद्धि कि उत्कृष्टता का यही चिन्ह है कि वह उत्कृष्टता को ही चिंतन – क्षेत्र में स्थान दें , आदर्श युक्त कार्यों को ही आचरण में उतरने दें , किसी के साथ भी ऐसा वयवहार ना होने दें, जो मानवीय गरिमा कि दृष्टि से हेय पड़ता हो ।  
param pujay shri ram sharma aacharya ji ke anmol vachan in Hindi 

  • जिधर भी देखते हैं भगवान दिखता है आगे भी, पीछे भी। जिधर चलते हैं साथ ही चलता है- बॉडी गार्ड कि तरह, पायलट कि तरह, उसकी उपस्थिति हर घडी परिलक्षित होती रहती है । समुन्द्र तो बूंद नहीं बन सकता, पर बूंद के समुंद्र बन जाने कि अनुभूति में अब कोई संदेह नहीं रह गया है व उसकी उपस्थिति में न निश्चिंतता कि कमी है, न निर्भयता कि । 

  •  भगवान पत्र – पुष्पों के बदले नहीं, भावनाओं के बदले प्राप्त किये जाते हैं और वे भावनाएं आवेश, उन्माद या कल्पना जैसी नहीं, वरन सच्चाई की कसौटी पर खरी उतरने वाली होनी चाहिए । उनकी सच्चाई की परीक्षा मनुष्य के त्याग, बलिदान, संयम, सदाचार एवं व्यवहार से होती है। 

  • प्राणियों के जीवन कि सार्थकता दूसरों को देने में ही है ईश्वर से पाना और दूसरों में बटना ही अध्यात्म है । 
     


Request- श्री राम शर्मा आचार्य,- शांतिकुंज हरिद्वार; जी के “मानव उत्थान” के motivational thoughts का collection “परम पूज्य श्री राम शर्मा आचार्य जी के अनमोल वचन यह Hindi article आप को कैसा लगा? क्या ये आप के जीवन में उपयोगी है ? please हमें ये comment के द्वरा जरुर बताने का कष्ट करें, और गर पसंद आये हो तो इनको share भी करें.. जिससे महापुरषों के सुविचारों कि ये खोज जारी रहे, और आप सब तक पहुँचती रहे।                            
अंत में आप सब readers को मेरा धन्यवाद!  



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