भारतीय वेश भूषा में छिपी गान – गरिमा
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Indian Anthem - Dignity |
Indian
costumes hidden Anthem – Dignity in Hindi
भारत के प्रथम
राष्ट्रपति स्व० श्री Rajendra Prasad जिन्हें whole country देश रत्न के नाम से
पुकारती है। उनके व्यक्तित्व व जीवन में सादगी की अपनी
एक महती विशेषता थी। राजेंद्र प्रसाद जी ने केवल 18 year की age में Kolkata University
की प्रवेश परीक्षा दी और उस entrance exam में प्रथम स्थान प्राप्त किया। और सन-1902
में Kolkata के very famous college
में Presidency college में दाखिला लिया ।
जब वे college के first day college
गये तो अचकन, पाजामा और टोपी पहन
कर गये । जब वे class में पहुँचे तो उन को छोड़ सब लड़कों ने kote, pants और tie, पहन रखी थी । उन सब लडकों को देख कर राजेंद्र
बाबू ने सोचा कि इन सब में अधिकांश एंग्लो – Indian होंगे तभी इनकी ये वेश भूषा है।
और राजेंद्र बाबू को और उनकी पोशाक को देख कर class के सब लड़कों ने उनका मजाक
बनाया की देखो कैसा गँवार आया है इसे तो कपड़े पहनने की भी तमीज नहीं है।
फिर class में जब teacher आये और सबको एक दूसरे का नाम व परिचय मिला
तो दोनों ही आश्चर्य में पड़ गये ।
Rajendra baabu को आश्चर्य इस बात पर हुआ कि जिनको वो एंग्लो – Indian समझ रहे थे वे सब के सब Indian ही थे।
सभी students आश्चर्य में इसलिए थे कि जिन राजेंद्र बाबू को वो निरा
गँवार समझ रहे थे, उन्होंने ही university में सर्व प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
सभी student आश्चर्य चकित थे राजेन्द्र बाबू की सादगी तथा उनकी
भारतीय वेश भूषा में छिपी गान – गरिमा पर। उन लोगों ने फिर कभी राजेन्द्र बाबू का
मजाक नहीं बनाया ।
उनकी इसी सादगी और ज्ञान प्रतिभा ने उनको आगे चल कर India का first
president बनाया।
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